गायत्री मंत्र की रचना किसने की थी - - Gayatri Mantra Ki Rachana Kisne Ki Thi - - 26541
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गायत्री मंत्र की रचना किसने की थी
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Gayatri-Mantra: जिस प्रकार भारत में पुष्कर Phkar को तीर्थराज माना जाता है उसी प्रकार मन्त्रों में भी गायत्री मंत्र Gayatri Mantra को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह वास्तव में सूर्य नारायण का मंत्र है और उससे भी आगे गौरव की बात यह है कि इस श्रेष्ठतम मंत्र के दृष्टा क्षत्रिय विश्वामित्र Rishi Vishvamra थे। मंत्र शब्दार्थ इस प्रकार है-. रावण, कंस, हिरण्यकश्यप, परशुराम आदि पथभ्रष्ट व्यक्ति मुर्ख नहीं थे, बल्कि बुद्धिमान थे पर सन्मार्ग पर ना चलने की वजह से बुद्धि का आधिक्य होने के बावजूद इतिहास में खलनायक के रूप में दर्ज है। गायत्री मंत्र- सवितृदेव सूर्य जिनसे यह सम्पूर्ण सृष्टि निसरित हुई है-का मंत्र है। मंत्र के शब्दों में कहीं गायत्री देवी का उल्लेख नहीं आता। मंत्र की रचना का छन्द अवश्य गायत्री है। किसी भी श्लोक अथवा मंत्र जिसमें 24 अक्षर हों उसे गायत्री छन्द में रचित कहते है। अतः छन्द के नाम पर मंत्र का नाम Gayatri-Mantra कर देना और उसे गायत्री देवी से सम्बद्ध कर गायत्री देवी नाम से छोटे-मोटे ग्रंथों की रचना कर उन्हें जन प्रचलित करना विश्वामित्र जी के साथ खिलवाड़ ह. क्षत्रियों द्वारा इस मंत्र (Gayatri-Mantra) के तत्व और महत्त्व को व विश्वामित्र के चरित्र के महात्म्य को विस्मृत कर दिए जाने का परिणाम यह हुआ कि आज इस मंत्र के ठेकेदार कोई और बन बैठे और क्षत्रिय इसके लाभों से उसी प्रकार दूर हो गये जैसे श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को बताये गए रास्ते से दूर हो गये। परिणामतः इस राह के भी मालिक कोई और बन बैठे।.