गाय पर निबंध हिन्दी मे | Gay per nibandh » Hdi Nibandh

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नमस्कार दोस्तों इस लेख मे आपको गाय पर निबंध हिंदी में Gay per Nibandh लिखने के लिए जरूरी जानकारी दी हैं। आप Essay on Cow Hdi पर भाषण कर...

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गाय पर निबंध GAY PAR NIBANDH

Essay on Cow Hdi : गाय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है. gay per nibandh / lekh * gay par nibandh ek page *

१० पंक्तियों में गाय पर निबंध – Gay par nibandh 10 le.

गाय पर निबंध हिन्दी मे | GAY PER NIBANDH

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अक्सर स्कूल के विद्यार्थियों को परीक्षाओं में Gay Per Nibandh लिखने के लिए दिया जाता है यह निबंध उन सभी विद्यार्थियों को गाय के ऊपर निबंध लिखने में सहायता करेगा. विषय-सूची10 le Essay on Cow HdiBt Essay on Cow Hdi 150 wordsGay Per Nibandh / lekh 300 wordsEssay on Cow Hdi 700 words1.

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Essay on Cow Hdi ( Gay par Nibandh) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words and 500 words ke say लिखे है जो की class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 ke stunts | Vidyarthi ke liye upyogi this article, we are providg rmatn about Cow Hdi. Gay Par Nibandh Hdi Me for class 4, 5 ( 200 words)गाय एक पालतू पशु है। गाय सफेद, काली, भूरी या चितकबरी कई रंग की होती है। गाय की पूँछ लम्बी होती है, जिससे वह अपने शरीर पर बैठने वाली मक्खियों को उड़ाती है तथा सींगों से अपनी रक्षा करती है। भारतीय हिन्दू इसे आदर की दृष्टि से देखते हैं और इसे ‘गो-माता’ कहते हैं। गाय स्वभाव से बड़ी सरल और भोली होती है। यह घास खाती है। घास के अतिरिक्त इसे खली, चने, बिनौले और भूसा भी खिलाया जाता है। इनसे वह दूध अधिक देती है।गाय अत्यन्त लाभदायक पशु है। यह हमें दूध देती है। गाय का दूध आरोग्यदायक, स्फूर्तिदायक और शीघ्र पचने वाला होता है। दूध से ही दही, मक्खन, घी, मट्ठा और मावा बनाते हैं। मावे से अनेक प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। गाय का गोबर घरों को लीपने, उपले बनाने तथा खाद के काम आता है। गाय के मूत्र में अनेक रोगों की रोगनाशक शक्ति होती है।. नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख मे आपको गाय पर निबंध हिंदी में (Gay per Nibandh) लिखने के लिए जरूरी जानकारी दी हैं। यदि आप Essay on Cow Hdi इस विषय पर भाषण की तैयारी कर रहे है तब भी यह लेख आप के लिए उपयुक्त रहेगा। इस निबंध को आप दसवी कक्षा से बारहवी कक्षा तक सीधे तौर से और पाँचवी कक्षा से नौवि कक्षातक कुछ अनुच्छेद मे बदलाव कर के इस्तमाल कर सकते है।.

गाय पर निबंध Gay Par Nibandh.

GAY PER NIBANDH | गाय पर निबंध

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गाय पर निबंध हिंदी में (Gay par Nibandh)गाय की शारीरिक बनावटगाय के फायदेगाय का धार्मिक महत्वभारत में पायी जानेवाली गाय की प्रजातीयये भी हिंदी निबंध जरुर पढ़िए. हिंदू धर्म में गाय को विशेष दर्जा दिया जाता हैं। इसे माता का स्वरूप माना गया हैं और कहते हैं की हिंदू धर्म के सभी देव-देवता गाय में वास करतें हैं। इसी लिये गाय का पूजन और इसे चारा देना एक पुण्य का काम माना गया हैं। भारत में दिवाली के उत्सव के दूसरा दिन गोवर्धन पूजा का होता हैं जिसमें गाय की विशेष रूप से पूजा की जाती हैं। इस दिन गाय (gay per nibandh) को विशेष तौर पर सजाया जाता हैं और इस दिन उसे कई तरह के पकवानोंका भोग चढ़ाया जाता हैं।.

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आज मैं आपको गाय पर निबंध Gay per nibandh बताऊंगा गाय, hdi say on w hdi. कि गाय पर निबंध लिखिए तो अगर आप इसे पड़े रहेंगे तो * gay par nibandh ek page *

किसी भी अन्य पालतू प्राणी की तरह ही गाय की शारीरिक बनावट होती हैं। जिसे दो सिंग, चार पाय, दो आंखे, दो कान, दो नथुने, चार थन और एक बड़ी सी पुंछ होती हैं। गाय के कुछ नस्ल में सिंग नहीं होते। भारत में पायी जानेवाली गाय विदेश की गाय के मुकाबले कद से थोड़ी छोटी होती हैं। गाय की बड़ी पुंछ के नीचे बालों का एक गुच्छा होता हैं जो उसे बदन पर बैठी मक्खी को मारने के काम आता हैं। गाय (Gay par Nibandh) के पैरों में खुर होतें हैं जो बहुत हद तक हमारे नाखून की तरह रहते हैं जो गाय को चलते वक्त चोट से बचाने में मदत करते हैं। आम तौर पर गाय एक शांत प्राणी हैं।.

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दोस्तों अगर आप Gay Per Nibandh (गाय पर निबंध) इस विषय पर जानकारी लेने या पढ़ने हेतु यहाँ पर आये है तो जी हां आप एकदम उचित जगह पर ही आये है क्यूंकि आज के इस लेख * gay par nibandh ek page *

“धेनु सदानाम रईनाम” अथर्ववेद में दी गई इस पंक्ति में बताया गया हैं की गाय समृद्धि का मूल स्त्रोत्र हैं और यह सच भी हैं। आज अगर हम गाय के दूध, मूत्र और गोबर का किया जानेवाला इस्तमाल देखेंगे तो पता चलेगा की सच में गाय समृद्धि लाती हैं। गाय के दूध से कई तरह के उत्पाद तयार किए जाते हैं जैसे की दही, मख्खण, तूप, पनीर, छाछ, आइसक्रीम इत्यादि और गाय (Gay per Nibandh) के मूत्र और गोबर का इस्तमाल ईंधन और खाद के लिये किया जाता हैं। गाय का मूत्र दवाई बनाने के लिए भी करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गाय के मूत्र का सेवन करने से हमारे शरीर को अत्यधिक फायदा होता हैं। गाय (Essay on Cow Hdi) के मूत्र और गोबर से बना खाद किसी भी प्रकार के और खाद से बेहतर होता हैं। जो न सिर्फ फसल को बढ़ने में मदत करता हैं साथ में उससे जमीन की गुणवत्ता नैसर्गिक तौर से बढ़ती हैं। आज की सेंद्रिय खेती का मूल आधार तो गाय के गोबर और मूत्र से बना खाद ही हैं।. गाय (Gay ka nibandh) जीवनभर हमारा फायदा करवाती ही हैं साथ में उसके मौत के उपरांत उसके शरीर के लघबघ सारे अंग उपयोगी साबित होते हैं। जैसे की उसके सिंग, चमड़े और खुर से रोजमर्रा की कई चीजे बनाई जाती हैं और उसके हड्डियों से बना खाद खेती के लिए उपयोगी रहता हैं।. गाय हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसमें गोहत्या को महापातक माना गया हैं। ऐसा माना जाता हैं की हिंदू धर्म के सभी देव-देवता गाय के शरीर में वास करते हैं। हिंदू धर्म पुराण के अनुसार समुद्र मंथन के वक्त गाय (Gay par Nibandh) की उत्पति हुई और उसे स्वर्ग में स्थान दिया गया। इसी वजह से कहते हैं, अगर हम पूरी श्रद्धा से गाय की सेवा करें को हमें स्वर्ग प्राप्ति होती हैं। गो सेवा करने से हमारे मन, वाणी, कर्म और शरीर की पवित्रता संभव हैं। भारत में मनाए जानेवाले सभी उत्सव में गाय (Gay per Nibandh) के दूध से बने घी का विशेष महत्व हैं। साथ में धार्मिक पूजा-पाठ में भी गाय की पूजा की जाती हैं। विशेष रुप से उसे भोग चढ़ाया जाता हैं जिसे पूजा के संपन्न होने का प्रतीक माना गया हैं।.

भारत में अलग-अलग जगह पर गाय (gay par nibandh) की अलग-अलग ३० से अधिक प्रजातीय पायी जाती हैं। जिनमें से प्रमुख तौर पर रेड सिन्धी, साहिवाल, गिर, देवनी, राठी, मालवी, भगनाड़ी, अंगोल या निलेर, थारपारकर आदि गाय के प्रकार प्रसिद्ध हैं। दुग्धप्रधान एकांगी, वत्सप्रधान एकांगी और सर्वांगीन इन तीन प्रकारों में भारतीय गायों को विभाजित किया जाता हैं। दुग्धप्रधान एकांगी प्रकार की गाय दूध अधिक मात्र में देती हैं, वत्सप्रधान एकांगी प्रकार की गाय दूध कम देती हैं लेकिन इनके बछड़े खेती के काम और गाड़ी खींचने के काम आते हैं और सर्वांगीन प्रकार की गाय दूध भी अच्छा देती हैं और इनके बछड़े कर्मठ भी होते हैं।.

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