Gayatri Mantra - Song Download om Gayatri By Anuradha Pdwal @ JSaavn

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Gayatri Mata Ki Aarti - जय गायत्री माता आरती गायत्री माता की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती माता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।

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आरती श्री गायत्री जी की – GAYATRI MATA AARTI HDI

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जयति जय गायत्री माता आरती – jayati jai gayatri mata ki aarti vio – aarti gayatri matajayati jai gayatri mata aarti hdi lyrics – gayatri mata aarti lyricsaarti shri gayatri mata ki, mata gaytri ki aarti PDF Download108 Gayatri Mantra Mala, गायत्री मंत्र | ॐ भूर्भुवः स्वः | Hdi Mantraकौन है माँ गायत्री, कैसे करते है माता की पूजा और व्रत कथा – vio Gayatri Jayantiगायत्री तत्व क्या है और क्यों इस मंत्र की इतनी महिमा है, Aartiजयति जय गायत्री माता आरती – jayati jai gayatri mata ki aarti vio – aarti gayatri mata.

Gayatri Mata Ki Aartiयहाँ पढ़ें: गऊ माता आरतीयहाँ पढ़ें: आरती श्री गंगा माता कीjayati jai gayatri mata aarti hdi lyrics – gayatri mata aarti lyricsजय गायत्री माता आरती गायत्री माता की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती माता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥जयति जय गायत्री माता…।आदि शक्ति तुम अलख निरञ्जनजग पालन कर्त्री।दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्रय दैन्य हर्त्री॥जयति जय गायत्री माता…।ब्रहृ रुपिणी, प्रणत पालिनी, जगतधातृ अम्बे।भवभयहारी, जनहितकारी, सुखदा जगदम्बे॥जयति जय गायत्री माता…।भयहारिणि भवतारिणि अनघे, अज आनन्द राशी।अविकारी, अघहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी॥जयति जय गायत्री माता…।कामधेनु सत् चित् आनन्दा, जय गंगा गीता।सविता की शाश्वती शक्ति, तुम सावित्री सीता॥जयति जय गायत्री माता…।ऋग्, यजु, साम, अथर्व, प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे।कुण्डलिनी सहस्त्रार, सुषुम्ना, शोभा गुण गरिमे॥जयति जय गायत्री माता…।स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रहाणी, राधा, रुद्राणी।जय सतरुपा, वाणी, विघा, कमला, कल्याणी॥जयति जय गायत्री माता…।जननी हम है, दीन, हीन, दुःख, दरिद्र के घेरे।यदपि कुटिल, कपटी कपूत, तऊ बालक है तेरे॥जयति जय गायत्री माता…।स्नेहसनी करुणामयि माता, चरण शरण दीजै।बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे, दया दृष्टि कीजै॥जयति जय गायत्री माता…।काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव, द्वेष हरिये।शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिये॥जयति जय गायत्री माता…।तुम समर्थ सब भाँति तारिणी, तुष्टि, पुष्टि त्राता।सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥जयति जय गायत्री माता…।यहाँ पढ़ें: एकादशी माता की आरतीयहाँ पढ़ें: माता वैष्णो देवी की आरतीaarti shri gayatri mata ki, mata gaytri ki aarti PDF Downloadगायत्री माता की आरती के लिरिक्स का पीडिएफ डाउनलॉड (PDF Download) करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।यहाँ पढ़ें: तुलसी माता की आरती 108 Gayatri Mantra Mala, गायत्री मंत्र | ॐ भूर्भुवः स्वः | Hdi Mantraगायंत्री मंत्र बहुत ही पवित्र मंत्र है इस मंत्र की अपार शक्ति है। जिसका उच्चारण करने से मन को बहुत शांति मिलती है।.

GAYATRI MANTRA

यहाँ पढ़ें: श्री अन्नपूर्णा माता जी की आरतीकौन है माँ गायत्री, कैसे करते है माता की पूजा और व्रत कथा – vio Gayatri Jayantiयह हिंदू धर्म की एक देवी हैं जिसके बारे मे महर्षि विश्वामित्र के द्वारा बताया गया है। अपितु यह ब्रह्मा देव की निर्मित और पत्नी है। इसका मूल रूप श्री सावित्रि देवी है। यह एक कठोर परंतु सर्व सिद्धी दात्री देवी मानी जाती हैं। गायत्री देवी की साधना के लिए गायत्री मंत्र का जप अनुष्ठान आदि किया जाता है।.

Gayatri Mata Ki Aarti, storyगायत्री माता की कथा का पीडिएफ डाउनलॉड (PDF Download) करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें।यहाँ पढ़ें: आरती श्री अम्बा जी कीगायत्री तत्व क्या है और क्यों इस मंत्र की इतनी महिमा है, Gayatri Mata Ki Aartiआर्ष मान्यता के अनुसार गायत्र एक ओर विराट् विश्व और दूसरी ओर मानव जीवन, एक ओर देवत्व और दूसरी और भूत्तव, एक ओर मन और दूसरी ओर प्राण, एक ओर ज्ञान और दूसरी ओर कर्म के पारस्परिक संबंधों की पूरी व्याख्या कर देती है। इस मंत्र के देवता सविता हैं। सविता सूर्य की संज्ञा है, सूर्य के नाना रूप हैं। इनमे सविता वह रूप है जो समस्त देवों को प्रेरित करता है।जाग्रत् में सवितारूपी मन ही मानव की महती शक्ति है। जैसे सविता देव है, वैसे मन भी देव है। मन ही प्राण का प्रेरक है। मन और प्राम के इस संबंध की व्याख्या गायत्री मंत्र को इष्ट है। सविता मन प्राणों के रूप में सब कर्मों का अधिष्ठाता है, यह सत्य प्रत्यक्षसिद्ध है। इसे ही गायत्री के तीसरे चरण मे कहा गया है।सविता के भर्ग की प्रार्थना में विशेष ध्वनि यह भी है कि सविता या मन का जो दिव्य अंश है। वह पार्थिव या भूतों के धरातल पर अवतीर्ण होकर पार्थिव शरीर में प्रकाशित हो। इस गायत्री मंत्र में अन्य किसी प्रकार की कामना नही पाई जाती। यहाँ एक मात्र अभिलाषा यही है कि मानव को ईश्वर की ओर से मन के रूप में जो दिव्य शक्ति प्राप्त हुई है उसके द्वारा वह उसी सविता का ज्ञान करे और कर्मों के द्वारा उसे इस जीवन में सार्थक करे।Aartiमाता की आरतीदेवताओं की आरतीVdhyhwari Mata Ki Aartibanke bihari aarti Sheetla Mata Ki AartiGiriraj ki aartiSharda Mata Ki Aarti Balaji aartiShakambhari Mata Ki AartiBat Bhairav aarti Saraswati Mata Ki AartiBhairav aartiSantoshi Mata Ki Aartibrahma aartiRadha Mata Ki AartiChragupta AartiParvati Mata Ki AartiGopal AartiNarmada Mata Ki AartiJagdish Aarti lyricsMahakali Mata Ki AartiKuber Aarti Lala Mata Ki AartiNarsgh Aarti Laxmi Mata Ki AartiParshuram AartiGayatri Mata Ki AartiPushottam AartiG Mata Ki AartiAarti Shri Raghuvar Ji Ki Ganga Mata Ki AartiShri Satyanarayana Aarti Ekadashi Mata Ki AartiShaniv ki aartiVaishno Devi Ki AartiShivji ki aarti Tulsi Mata Ki AartiSurya Aarti Durga Mata Ki Aartivishwakarma ji ki aartiBaglamhi Mata Ki AartiShiv Shankar aartiAnnapurna Ji Mata Ki AartiNarsgh Kunwar aarti Ambe Mata Ki AartiRamv aarti Ahoi Mata Ki Aartihanuman ji ki aartiaarti kunj bihari kiramchandra ji ki aarti Govardhan maharaj ji ki aarti Ramayan ji ki aarti Aarti SangrahReference-12 Febary 2021, Gayatri Mata Ki Aarti, wikipedia.

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