Sahiwal gay साहिवाल गाय की कीमत, प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन, पहचान और खरीददारी की सम्पूर्ण जानकारी| सहिवाल गाय प्रति दिन 8 से 12 लीटर प्रतिदिन देती है|
Contents:
- साहिवाल गाय का महत्व: पहचान, कीमत और दूध- SAHIWAL GAY KI NASL
- गिर गाय की विशेषता: पहचान, कीमत और दूध- GIR GAY
- साहीवाल गाय की पहचान और साहीवाल गाय का दूध। SAHIWAL GAY KI PAHCHAN R SAHIWAL GAY KA DOODH
- कैसे जानें कि क्या आपका पुरुष मित्र गे (GAY) है (TELL IF YOUR GUY FRIEND IS GAY)
- HDI GAY STORI
- TOP 10 INDIAN GAY ONLYFANS & HOTTT DI GAY ONLYFANS 2023
साहिवाल गाय का महत्व: पहचान, कीमत और दूध- SAHIWAL GAY KI NASL
* desi gay ki pahchan *
देसी गाय (Di Cows) से सम्बंधित जानकारी देसी गायों के प्रकार (Di Cows Breeds)देशी गाय की पहचान (Indigeno Cow Intifitn)साहीवाल गाय (Sahiwal Cow)रेड सिंधी गाय (Red Sdhi Cow)कांकरेज गाय (Kankrej Cow)मालवी गाय (Malvi Cow)नागौरी गाय (Nagori Cow)थारपरकर गाय (Tharparkar Cow)पोंवर गाय (Ponwar Cow)गिर गाय (GIR Cow)भगनाड़ी गाय (Runaway Cow)दज्जल गाय (Dajjal Cow)गावलाव गाय (Village Cow)हरियाणवी गाय (Haryanvi Prajati)अंगोल या नीलोर गाय (Angolan or Nilor Cow)राठी गाय (Rathi Cow)देवनी प्रजाति (Devni Prajati)नीमाड़ी गाय (Nimari Cow)कंगायम प्रजाति (Kangayam Prajati)मालवी प्रजाति (Malvi Prajati)वेचूर प्रजाति (Vetchur Prajati)बरगूर प्रजाति (Bargur Prajati)कृष्णाबेली प्रजाति (Krishnabeli Prajati)डांगी प्रजाति (Dangi Prajati)धन्नी प्रजाति (Dhanni Prajati)खिल्लारी प्रजाति (Khilari Prajati)देसी गाय की कीमत व कहाँ से ख़रीदे (Di Cow Price and Where to Buy)देसी गाय (Di Cows) से सम्बंधित जानकारी भारत देश में कई तरह के दुधारू पशुओ का पालन किया जाता है | हमारे देश की आधी से ज्यादा आबादी अभी भी ग्रामीण क्षेत्रो में निवास करती है, तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालो लोगो के लिए आय का साधन खेती और पशुपालन होता है | खेती के अलावा पशुपालन पैसा कमाने का एक बेहतरीन साधन है | दुधारू पशुओ में गाय को प्रमुख स्थान प्राप्त है |गाय तो आपने देखी ही होगी, लेकिन क्या आप जानते है, कि आप जो गाय देख रहे है, वह किस नस्ल की है | भारत में गाय की कई नस्ले पायी जाती है | इसमें से कुछ नस्ले देसी गाय की होती है, और कुछ जर्सी गाय की पर क्या आपको मालूम है, कि देसी गाय की पहचान किस तरह से की जाती है | इस लेख में आपको इसी बारे में बताया जा रहा है, कि देसी गाय की पहचान कैसे करें तथा देसी गाय की कीमत व कहाँ से ख़रीद सकते है |. गिर गाय की पहचान कैसे करेंदेसी गायों के प्रकार (Di Cows Breeds)भारत में लगभग 30 से अधिक देसी गाय की नस्ले पायी जाती है, जिन्हे आवश्यकता और उपयोगिता के हिसाब से 3 भागो में बांटा गया है |दुग्धप्रधान एकांगी नस्ल:– इस प्रकार की गाय दूध उत्पादन में बेहतर मानी जाती है, लेकिन इसके बछड़े खेती के कार्य को करने के लिए उपयोगी नहीं होते है |वत्सप्रधान एकांगी नस्ल:– इस नस्ल की गाय कम दूध देती है, लेकिन इसकी संतान कृषि कार्यो के लिए उपयोगी होती है |सर्वांगी नस्ल:– इस नस्ल की गाय दूध का अच्छा उत्पादन देने के साथ ही गाय से उत्पन्न बछड़े खेती के कार्यो को करने में भी उपयोगी होते है |देशी गाय की पहचान (Indigeno Cow Intifitn)साहीवाल गाय (Sahiwal Cow)इस नस्ल की गाय हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और दिल्ली में पायी जाती है | इसमें गाय का सर उभरा हुआ चौड़ा, माथा मझोला और सींग छोटी होती है | यह गाय पंजाब के मांटगुमरी जिले के रावी नदी के करीब गंजीवार, लायलपुर, लोधरान आदि स्थानों में पाली जाती है | यह भारत के किसी भी क्षेत्र में रह सकती है | एक बार ब्याने के पश्चात् यह 10 महीने तक दूध का उत्पादन दे देती है, जिसमे रोजाना 10 से 20 लीटर दूध का उत्पादन मिल जाता है | इसके दूध से मक्खन का अंश मिल जाता है, तथा दूध में 4 से 6 प्रतिशत तक वसा होती है |रेड सिंधी गाय (Red Sdhi Cow)इस नस्ल की गाय का मुख्य स्थान सिंध का कोहिस्तान इलाका है | बलोचिस्तान का केलसबेला क्षेत्र भी रेड सिंधी गाय के लिए प्रसिद्ध है | इस गाय का शरीर लंबा, वर्ण बादामी और चमड़ा मोटा होता है | यह अन्य जलवायु में भी रहने में सक्षम है | इस गाय में रोगो से लड़ने के लिए अद्भुद शक्ति होती है | एक बार ब्याने के बाद यह गाय 300 दिनों में लगभग 2000 लीटर दूध का उत्पादन दे देती है |कांकरेज गाय (Kankrej Cow)कांकरेज गायो का मूल स्थान सिंध का दक्षिण-पश्चिम इलाका, छोटी खाड़ी, दक्षिण का भूभाग, रधनपुरा का प्रदेश और अहमदाबाद है | वैसे तो यह गाय बड़ोदा, काठियावाड़ और सूरत में मिलती है | इस गाय की मांग विदेशो में भी रहती है | इसका रंग लोहिया भूरा, काला और रुपहला भूरा होता है | इसके टांगों में काले चिह्न और खुर का ऊपरी भाग काले रंग का होता है | यह गाय सर उठाकर लंबे और सख्त कदम वाली चाल चलती है, तथा चलने के समय टांगो को छोड़कर पूरा शरीर निष्क्रिय मालूम होता है | केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान द्वारा इस गाय पर किए गए शोध के अनुसार वैज्ञानिको का कहना है, कि कांकरेज गाय किसानो की आय बढ़ा सकती है |मालवी गाय (Malvi Cow)मालवी गाय का मूल स्थान ग्वालियर और मध्य प्रदेश है | यह गाय कम दुधारू होती है, जिस वजह से कम दूध देती है | इस किस्म की गाय का रंग खाकी होता है, और गर्दन कुछ काली होती है | यह गाय आयु बढ़ने के साथ-साथ सफ़ेद रंग में बदल जाती है | इस प्रजाति के बैलो को सड़को पर गाड़ी खींचने और खेती करने के लिए इस्तेमाल करते है |थारपारकर गाय की पहचान कैसे करेंनागौरी गाय (Nagori Cow)इस गाय का मूल स्थान जोधपुर के करीबी प्रदेश है | यह गाय भी कम दुधारू होती है, किन्तु ब्याने के कुछ दिन तक थोड़ा-थोड़ा दूध दे देती है | राजस्थान के नागौर जिले में यह गाय पाई जाती है |थारपरकर गाय (Tharparkar Cow)थारपारकर गाय का मूल स्थान राजस्थान का जैसलमेर और जोधपुर जिला है | इस नस्ल की गाय को भारत की सबसे सुधारू गाय में गिना जाता है | मालाणी (बाड़मेर) स्थल इस गाय की उत्पत्ति का स्थान है | राजस्थान के स्थानीय क्षेत्रों में इसे मालाणी नाम से जानते है | थारपारकर गाय का रंग सफ़ेद और खाकी भूरा होता है | इसका मुँह थोड़ा लंबा बना होता है | इस गाय का औसतन भार 400 KG होता है | यह गाय 1400 से 1500 लीटर दूध का उत्पादन दे देती है |पोंवर गाय (Ponwar Cow)यह गाय पूरनपुर तहसील, पीलीभीत और खीरी में पाई जाती है | इस गाय का मुँह सँकरा तथा सींग सीधी व लंबी होती है, जिसकी लंबाई 12 से 18 इंच तक हो सकती है | इसकी पूँछ भी लंबी होती है| यह कम दूध देने वाली और स्वभाव से गुस्से वाली होती है |गिर गाय (GIR Cow)गिर गाय भारत की सबसे दुधारू गाय मानी जाती है | इस गाय की उत्पत्ति का मूल स्थान गुजरात के दक्षिण में स्थित गिर जंगल है | जिसे वजह से इन गायो को गिर नाम दिया गया है | गिर गाय एक दिन में लगभग 50 से 80 लीटर दूध दे देती है | इस नस्ल की गाय का औसतन भार 400 KG होता है | यह गाय पूरी लाल, लाल सफ़ेद या लाल सफ़ेद काले रंग की हो सकती है | इसकी सींग पीछे की और घूमी हुई और कान चौड़े होते है | यह गाय भारत के अलावा अन्य देशो में भी पाई जाती है | ब्राजील और इजराइल देशो में भी इसे मुख्य रूप से पाला जाता है |भगनाड़ी गाय (Runaway Cow)इस गाय की उत्पत्ति का स्थान नाड़ी नदी का तटवर्ती प्रदेश है | इसका प्रिय भोजन नाड़ी घास और उसकी बनाई हुई रोटी होती है | यह गाय भी दुधारू होती है |दज्जल गाय (Dajjal Cow)भगनारी गाय का दूसरा नाम ही दज्जल गाय है | इस नस्ल की गाय को पंजाब के दरोगाजी खाँ जिले में काफी बड़ी संख्या में पाला जाता है | ऐसा कहा जाता है, कि इस जिले के कुछ भगनारी नस्ल के साड़ो को विशेषकर भेजा गया था | यही वजह है, कि इस जिले में यह नस्ल काफी अधिक पाली जाती है | दज्जल गाय भी अधिक दुधारू होती है |गावलाव गाय (Village Cow)यह गाय साधारण मात्रा में दूध देती है | इस गाय की प्राप्ति का स्थान वर्धा, नागपुर, सतपुड़ा की तराई, छिंदवाड़ा, बहियर तथा सिवनी है| इस नस्ल की गाय देखने में सफ़ेद रंग की और मझोले कद की होती है | यह अपने कानो को उठाकर चलती है |हरियाणवी गाय (Haryanvi Prajati)इस नस्ल की गाय अच्छी मात्रा में दूध का उत्पादन देती है | हरियाणवी गाय सफ़ेद रंग की होती है, जो रोजाना 8 से 12 लीटर दूध दे देती है | यह गाय गठीले बदन वाली ऊँचे कद की होती है, जो सर उठाकर चलती है | इस गाय की प्राप्ति का स्थान सिरसा, गुड़गांव, जिंद, हिसार और करनाल है | यह गाय भारत की 5 सबसे श्रेष्ठ नस्लों में गिनी जाती है |अंगोल या नीलोर गाय (Angolan or Nilor Cow)यह एक दुधारू, मंथरगामिनी और सुन्दर गाय होती है | इस गाय की उत्पत्ति का स्थान आंध्र प्रदेश, बपटतला, तमिलनाडु, नीलोर, सदनपल्ली और गुंटूर है | इस नस्ल की गाय की खुराक काफी कम होती है | राठी गाय (Rathi Cow)यह गाय राजस्थान के श्रीगंगानगर और बीकानेर मूल की है | इस गाय का रंग काला-सफ़ेद, चकत्तेदार लाल-सफ़ेद, काली और भूरी रंग की होती है | इस नस्ल की गाय कम आहार लेकर खूब दूध देती है | यह गाय रोजाना 10 से 20 लीटर दूध दे देती है | राजस्थान के बीकानेर में स्थित पशु विश्वविद्यालय में इस गाय पर कई रिसर्च किए गए है | इस गाय की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि इसे भारत के किसी भी कोने में पाला जा सकता है |देवनी प्रजाति (Devni Prajati)इस नस्ल की गाय काफी दुधारू होती है | देवनी प्रजाति गिर गाय की प्रजाति से काफी मिलती-जुलती है | इस प्रजाति का बैल अधिक भार ढोने में सक्षम होता है | देवनी गाय मुख्य रूप से कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में देखने को मिलती है |नीमाड़ी गाय (Nimari Cow)इस गाय की उत्पत्ति का स्थान नर्मदा नदी की घाटी है| नीमाड़ी गाय के मुँह की बनावट कुछ-कुछ गिर प्रजाति की गाय जैसी होती है | यह गाय लाल रंग की होती है, जिस पर सफ़ेद रंग के धब्बे होते है | इस नस्ल की गाय दूध देने में काफी अच्छी होती है |साहिवाल गाय की पहचान कैसे करेंकंगायम प्रजाति (Kangayam Prajati)इस प्रजाति की गाय गोवंश कोयम्बटूर के दक्षिणी क्षेत्रों में पाली जाती है | यह नस्ल कम दुधारू होने के बावजूद 10 से 12 वर्षो तक दूध दे देती है | इस नस्ल का गोवंश काफी फुर्तीला होता है |मालवी प्रजाति (Malvi Prajati)मध्य प्रदेश के ग्वालियर इलाके में इस प्रजाति की उत्पत्ति हुई है | यह नस्ल भी कम दुधारू होती है, तथा नर बैलो को खेती और सड़क पर गाड़ी खींचने के लिए काम में लाया जाता है | इसमें गाय का रंग खाकी और लाल होता है |वेचूर प्रजाति (Vetchur Prajati)वेचूर प्रजाति की गाय की उत्पत्ति केरल राज्य में हुई है| इस प्रजाति के गोवंश को पालने में बकरी पालने की तुलना में आधा खर्च आता है| इस प्रजाति पर रोगो का प्रभाव काफी कम पड़ता है | इस नस्ल का गोवंश छोटे कद का होता है, लेकिन गाय के दूध में औषधीय गुण अधिक होते है |बरगूर प्रजाति (Bargur Prajati)बरगूर गायो में दूध देने की क्षमता काफी कम होती है | इस नस्ल को तमिलनाडु के बरगुर नामक पहाड़ी इलाके में पाला जाता है | इस प्रजाति की गायो की पूँछ छोटी, सिर लंबा और मस्तक उभरा होता है | बरगूर प्रजाति के बैल काफी फुर्तीले होते है |कृष्णाबेली प्रजाति (Krishnabeli Prajati)इस प्रजाति की गाय महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में पाली जाती है | इन गायो की सींग और पूँछ की लंबाई छोटी होती है, तथा मुँह बड़ा होता है | गाय की यह प्रजाति अच्छी मात्रा में दूध का उत्पादन दे देती है |डांगी प्रजाति (Dangi Prajati)डांगी प्रजाति की गाय काफी कम दूध दे पाती है | इस नस्ल के गोवंश नासिक, अहमद नगर और अंग्स इलाको में देखने को मिल जाते है | इस प्रजाति की गाय का रंग काला, सफ़ेद व लाल होता है |धन्नी प्रजाति (Dhanni Prajati)इस प्रजाति को पंजाब राज्य के अनेक स्थानों में पाया जाता है | धन्नी नस्ल की गाय कम दुधारू होती है, लेकिन गोवंश काफी फुर्तीले होते है |खिल्लारी प्रजाति (Khilari Prajati)इस नस्ल के गोवंश का सिर बड़ा, पूँछ छोटी, सींग लंबी और रंग खाकी होता है | खिल्लारी गाय का गलंकबल अधिक बड़ा होता है | इस प्रजाति का बैल अधिक शक्तिशाली होता है | किन्तु गाय अधिक दूध देने में सक्षम नहीं होती है | इस नस्ल की उत्पत्ति का स्थान महाराष्ट्र तथा सतपुड़ा (म. Sahiwal Cow Introductnसाहिवाल गाय की पहचान (Sahiwal Gay Ki Pahchan)साहिवाल गाय की उत्पत्ति (Orig Of Sahiwal Cow)साहिवाल गाय की विशेषता- Sahiwal Nasl Ki Gayसाहिवाल गाय की कीमत (Sahiwal Gay Ki Kimat)साहिवाल गाय का दूध (Sahiwal gay ka dudh)साहीवाल गाय के दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्वसाहिवाल गाय कहां से ख़रीदे (Sahiwal Cow for Sell)भारत में साहिवाल गाय की कीमत क्या है?
Sahiwal Gay Ki Nasl साहिवाल गाय एक प्रमुख दूध वाली जानवर है जो भारत, पाकिस्तान, और अन्य एशियाई देशों में पाई जाती है। इसकी खूबियों में से एक उनकी उन्नत दूध उत्पादन क्षमता है। साहिवाल गाय का दूध बेहतरीन गुणवत्ता का होता है जो उच्च मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और वसा के साथ भरपूर होता है।. Sahiwal Gay Ki Pahchan का रंग अक्सर तन के पास हल्के रंग का होता है जो सफेद रंग के साथ मिश्रित होता है। इसके आवास के क्षेत्र के अनुसार इसका रंग थोड़ा भिन्न हो सकता है। इसके ऊपरी भाग में सफेद रंग दिखता है जबकि निचले भाग में तंग नसों के कारण काले रंग की धब्बे हो सकते हैं। इसके रंग में थोड़ी विविधता होती है, लेकिन अधिकतर साहीवाल गायों का रंग तन के करीब हल्का व साफ़ होता है।.
गिर गाय की विशेषता: पहचान, कीमत और दूध- GIR GAY
Gir Gay Ki Nasl गिर गाय भारत में पाई जाती है। गिर गाय भारत के पश्चिमी भाग में स्थित गिर वन्यजीव अभयारण्य में पाई जाती है, जो गुजरात राज्य के जुनागढ़ जिले में * desi gay ki pahchan *
(Sahiwal Gay Ka Dudh) एक सहिवाल गाय द्वारा प्रतिदिन दूध की मात्रा उम्र, स्वास्थ्य, आहार और जेनेटिक्स जैसे कुछ कारकों पर निर्भर करती है। औसत रूप से, एक सहिवाल गाय प्रति दिन 8 से 12 लीटर दूध उत्पन्न कर सकती है।. Introductn Of Gir Cowगिर गाय की पहचान (Gir Cow Intifitn)गिर गाय की कीमत (Gir Gay Ki Kimat)गिर गाय का दुग्ध (Gir Cow Milk)गिर गाय के दूध में पोषक तत्व गिर गाय की उत्पति (Orig Of Gir Cow)गिर गाय की खरीद (gir gay dikhayen)गिर गाय प्रतिदिन कितना दूध देती है? Gir Gay Ki Nasl गिर गाय भारत में पाई जाती है। गिर गाय भारत के पश्चिमी भाग में स्थित गिर वन्यजीव अभयारण्य में पाई जाती है, जो गुजरात राज्य के जुनागढ़ जिले में स्थित है। यह विशेष प्रकार की गाय दक्षिण एशिया के साथ-साथ भारत, पाकिस्तान और नेपाल में पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Bos Indic है। गिर गाय को गुजरात के लोग संस्कृति और धर्म से गहरायी जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण प्राणी मानते हैं।.
गिर गाय (Gir Gay) की कद काठी भदावरी भैंस(Bhadawari Bhas) की तरह होती है| मवेशियों की एक नस्ल है जो भारत के गुजरात राज्य में गिर वन क्षेत्र की मूल निवासी है। यहाँ कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं जो गिर गाय की पहचान(Gir Gay Ki Pahchan) करती हैं:. गिर गाय (Gir Gay Ki Kimat) की कीमत उम्र, नस्ल की शुद्धता, शारीरिक स्थिति, दूध उत्पादन के चरण और स्थान जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है। औसतन, अच्छी शारीरिक स्थिति और दुग्ध उत्पादन अवस्था वाली शुद्ध नस्ल की गिर गाय की भारत में कीमत लगभग 50, 000 से 1, 50, 000 हो सकती है। हालांकि, बाजार की मांग, आपूर्ति और पशुओं की उपलब्धता जैसे कारकों का इस पर प्रभाव पड़ सकता है।.
गिर गाय (Gir Gay) मवेशियों की एक स्वदेशी नस्ल है जो भारतीय राज्य गुजरात में सौराष्ट्र क्षेत्र के गिर वन क्षेत्र में उत्पन्न हुई थी। नस्ल अपने विशिष्ट कूबड़ के लिए जानी जाती है, जो मांसपेशियों से बनी होती है और इसका उपयोग ऊर्जा आरक्षित के रूप में किया जाता है।. Bhadawari gay| gir gay ki nasl |gir gay kahan egi|gir gay ki pahchan|gir gay ka dudh|gir gay price| भदावरी गाय| gir gay ki kimat kni hoti hai| gir gay ke bare me jankari| gir gay photo| gir gay kahan pai jaati hai|.
साहीवाल गाय की पहचान और साहीवाल गाय का दूध। SAHIWAL GAY KI PAHCHAN R SAHIWAL GAY KA DOODH
कैसे जानें कि क्या आपका पुरुष मित्र गे (gay) है (Tell if Your Guy Friend Is Gay). ऐसे अनेक कारण हो सकते हैं, जिनकी वजह से आप जानना चाहें कि क्या आपका दोस्त गे है। हालांकि, इस बारे में बात आगे बढ़ाने से पहले, इस परिस्थिति के बारे में आपको... * desi gay ki pahchan *
साहीवाल एक दुधारू गाय की नस्ल है यह बात तो लगभग हर एक व्यक्ति जानता ही है और यह भी जानता है कि साहीवाल गाय की नस्ल हमारे देश में कितनी प्रसिद्ध गाय की नस्ल है इसलिए आज के इस पोस्ट में हम साहीवाल गाय की पहचान और साहीवाल गाय का दूध या साहीवाल गाय कितना दूध देती है (Sahiwal gay ki pahchan r Sahiwal gay ka doodh) के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें. किसान मित्रों इस पोस्ट में हमनें साहीवाल गाय की पहचान और साहीवाल गाय का दूध या साहीवाल गाय कितना दूध देती है (Sahiwal gay ki pahchan r Sahiwal gay ka doodh) आदि के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की.
कभी-कभी लोगों के पास अपने क्लोज़ेट (closet) में छुपे रहने के वाज़िब कारण होते हैं। हो सकता है कि आप सचमुच में जानना चाहती हों कि क्या आपका मित्र गे है, मगर शायद उसके पास क्लोज़ेट में छुपे रहने का कोई कोई वाज़िब कारण हो। केवल अपने आप के लिए भी उन्हें "बाहर निकाल कर, " हो सकता है कि आप उन्हें खतरे में डाल रही हों। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि उसका परिवार ज़बरदस्त होमोफ़ोबिक (homophobic) हो और यह तय करके कि वो गे है, उसके साथ अलग तरह का व्यवहार करके या बिना किसी दुर्भावना के कुछ इशारा करके, हो सकता है कि अनजाने में आप उसको बाहर ले आयें।[२]. Andrei is an Onlyfans Indian gay mol who will toxite you, as he has been dog to the Cy of Lights wh his charm and his amazg body – which is so fely crafted that llg ‘easy on the ey’ would be a gross unrstatement. Magar jab ek baar wo mujhe Lucknow ke Gomti Nagar me apna naya flat dikhaney le gaya r wahan hum late ho gaye to ne khud hi bola'yaar aaj yah k jatey ha r bol to aaj ladkey ko bula doon ka ghar paas hi hai'ab neki r pooch pooch…ma turant raazi ho More Londay Bazi Gay Stori Subscribe to Di Love Stori by EmailMera iend bike pe gaya r apne padosi ko bha laya.
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Ladkey ko khtey hi mere hosh udh gaye, wo kaafi zyada uttej karne wala chikna tha, gatheela, kam umar, chikna, gulabi r sunr, honth aise ki choosne ka man karey, badan aisa ki nanga karke noch daalne ka dil kare.
'Tujhe pata nah kyun aaya hai''nah' ne kaha'isne kaha chalo to ma aa gaya''na bhola lagta to nah hai''haan r hoon bhi nah'tabhi mera dost ki peeth pe baanhien daalte huye kaha'arrey bhaiya janey do na kyun becharey ko parhan kartey ho ladkey ko lund chwaney ka shq hai is liye aaya hai''hatt yaar' aeb fran sharma sa gaya'ab sharmata kyun hai sahi baat to batayi''kyun ye sach keh raha hai kya'wo gora sa ladka sharam se laal sa ho gaya'to phir mere paas aa ker bah na wahan ni dur kyun baha hai' mere iend ne ko dhakka diya'ja na bhaiyya bula rahey ha mast kar ngey'Want More Londay Bazi Gay Stori Subscribe to Di Love Stori by EmailBaad me pata chala ki mere ed ne ko kaha tha ki'ek lnda hai age me bada hai magar lund badiya se chta hai r agar tu chahey to gaand bhi marwayega''r sala meri na maar le''na bharosa rakh tu jo chahega wohi hoga teri marzi ke khilaaf kuch nah''chal wa chwaney ka bahut mood karta hai gaand to bahut maarta rehta hoon'Wo fally mere bagal me aaya to mae seedha ki jaangh pe haath pherna chalu kar diya'wah chikna hai lund khada hai kya' kehtey huye mae ke zip se chupe lund pe haath mara, ka lund khada tha magar wo sharam se jhijhka'kya yaar tu to sach me chalu ho gaya' ne hanstey huye kaha 'to kya tu mazaak samajh raha tha ab tak' kehtey huye mae ka lund masalna shu ker diya'yaar tu bhi bay harami harami logon ko jaanta hai'jab ka lund mere haath me machalne laga to wo thoda relaxed huya, ladka kams tha is liye mien sankoch bahut tha magar phir aadat se majboor r tharak ke dabaav me ki taangien phailne hi lagien r aakhir mae ki zip kholker ka lund bahar nikal liya, ka gora sa chikna sunr se supay wala magar umeed se kuch bada, kuch mota r kuch zyada sakth lund tha'lund to mardana hai''ab mard hoon to lund mardana nah hoga'mae sofay pe bahey bahey bagal me ki jaangh pe muh rakha r phir ke supay ko chney laga to wo kuch r me meri giraft me aa gaya, hamara iend saamne hi baha sab kh raha tha'abey gaand utha ke lund se muh chod na''abey chod to raha hoon dheere dheere rang jamaoonga na yaar abhi to samaj nah aa raha hai''chal beta samajh le'ka lund mere chne pe muh me hullad bhar raha tha r ka size bhi badh gaya tha, saath me sakthi bhi zyada ho gayi thi'kyun kaisa laga muh ka swaad? 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